THP

आवर्त सारणी - रसायन विज्ञान नोट्स

Notes By Mohit Sir (MSc)

आवर्त सारणी का ऐतिहासिक विकास

आवर्त सारणी कई वैज्ञानिकों के योगदान से विकसित हुई जिन्होंने तत्वों को उनके गुणों के आधार पर व्यवस्थित करने का प्रयास किया।

डोबेराइनर के त्रिक (1829)

जोहान वोल्फगैंग डोबेराइनर ने तत्वों को तीन-तीन के समूहों में व्यवस्थित किया जिनके गुण समान थे और दिखाया कि मध्य तत्व का परमाणु भार अन्य दो तत्वों के परमाणु भार का लगभग औसत था।

उदाहरण त्रिक: Cl (35.5), Br (80), I (127)
(35.5 + 127)/2 = 81.25 ≈ 80 (Br)
सीमा: केवल कुछ तत्वों को ही त्रिक में वर्गीकृत किया जा सका, जिससे यह वर्गीकरण अधूरा रहा।

न्यूलैंड्स का अष्टक नियम (1864)

जॉन न्यूलैंड्स ने देखा कि जब तत्वों को परमाणु भार के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है, तो हर आठवें तत्व के गुण पहले तत्व के समान होते हैं, जैसे संगीत के अष्टक।

उदाहरण
Li (1), Be (2), B (3), C (4), N (5), O (6), F (7), Na (8) - Na के गुण Li के समान दिखाई देते हैं
सीमा: यह पैटर्न कैल्शियम के बाद टूट गया और नियम नए तत्वों को समायोजित नहीं कर सका।

मेंडेलीफ की आवर्त सारणी (1869)

दिमित्री मेंडेलीफ ने आवर्त नियम के आधार पर पहली सफल आवर्त सारणी बनाई:

मेंडेलीफ का आवर्त नियम: "तत्वों के गुण उनके परमाणु भारों के आवर्त फलन होते हैं।"

मेंडेलीफ की सारणी की प्रमुख विशेषताएं

मेंडेलीफ की सारणी के गुण

मेंडेलीफ की सारणी की सीमाएं

आधुनिक आवर्त सारणी

हेनरी मोसले के परमाणु संख्या पर कार्य ने आधुनिक आवर्त नियम को जन्म दिया:

आधुनिक आवर्त नियम: "तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण उनकी परमाणु संख्याओं के आवर्त फलन होते हैं।"
आधुनिक आवर्त सारणी
समूह और आवर्त वर्गीकरण के साथ आधुनिक आवर्त सारणी

आधुनिक आवर्त सारणी की संरचना

समूहों की नामकरण पद्धति

समूह नाम संयोजकता विन्यास
1 क्षार धातु ns1
2 क्षारीय मृदा धातु ns2
13 बोरॉन परिवार ns2np1
14 कार्बन परिवार ns2np2
15 नाइट्रोजन परिवार ns2np3
16 कैल्कोजन ns2np4
17 हैलोजन ns2np5
18 उत्कृष्ट गैसें ns2np6

गुणों में आवर्ती प्रवृत्तियाँ

परमाणु त्रिज्या

परिभाषा: नाभिक से बाहरी इलेक्ट्रॉन कोश की दूरी
आवर्त में: घटती है (प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता है)
वर्ग में: बढ़ती है (अतिरिक्त कोश जुड़ते हैं)
अपवाद: नोबल गैसों की त्रिज्या हैलोजन से अधिक

आयनन ऊर्जा

परिभाषा: बाहरी इलेक्ट्रॉन निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा
आवर्त में: बढ़ती है (नाभिकीय आकर्षण बढ़ता है)
वर्ग में: घटती है (संयोजी इलेक्ट्रॉन दूर होते हैं)
अपवाद: वर्ग 13 (ns²np¹) की IE वर्ग 2 (ns²) से कम

विद्युतऋणात्मकता

परिभाषा: साझा इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करने की क्षमता
आवर्त में: बढ़ती है (Zeff बढ़ता है)
वर्ग में: घटती है (अधिक परिरक्षण)
सर्वाधिक: फ्लोरीन (3.98) | न्यूनतम: फ्रांसियम (0.7)

इलेक्ट्रॉन बंधुता

परिभाषा: इलेक्ट्रॉन जोड़ने पर मुक्त ऊर्जा
आवर्त में: बढ़ती है (अधिक ऋणात्मक)
वर्ग में: घटती है (कम ऋणात्मक)
सर्वाधिक: क्लोरीन (-349 kJ/mol) > फ्लोरीन (-328 kJ/mol)

रासायनिक अभिक्रियाशीलता

परिभाषा: रासायनिक अभिक्रिया करने की प्रवृत्ति
→ धातुएँ
आवर्त में: घटती है
→ अधातुएँ
आवर्त में: बढ़ती है
↓ धातुएँ
वर्ग में: बढ़ती है
सर्वाधिक अभिक्रियाशील धातु: सीज़ियम | अधातु: फ्लोरीन

परिरक्षण प्रभाव

आंतरिक इलेक्ट्रॉनों के कारण बाहरी इलेक्ट्रॉनों पर प्रभावी नाभिकीय आवेश में कमी को परिरक्षण प्रभाव कहा जाता है। यह समूह में नीचे जाने पर बढ़ता है क्योंकि अधिक आंतरिक कोश जोड़े जाते हैं।

प्रभावी नाभिकीय आवेश (Zeff) = Z - S
जहाँ Z = परमाणु संख्या, S = परिरक्षण स्थिरांक

इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी

तटस्थ गैसीय परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन जोड़ने पर ऊर्जा परिवर्तन:

X(g) + e- → X-(g) + ऊर्जा

प्रवृत्तियाँ: आवर्त में अधिक ऋणात्मक हो जाती है (उत्कृष्ट गैसों को छोड़कर), समूह में नीचे कम ऋणात्मक हो जाती है

अपवाद: स्थिर विन्यास वाले तत्वों (अर्ध-भरे या पूर्ण-भरे कक्षक) की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी अपेक्षा से कम ऋणात्मक होती है (जैसे, N, Mg, P)।

धात्विक गुण

आवर्त सारणी में ब्लॉक

S-ब्लॉक तत्व (समूह 1-2)

वे तत्व जिनमें अंतिम इलेक्ट्रॉन s-कक्षक में प्रवेश करता है। क्षार धातु (समूह 1) और क्षारीय मृदा धातु (समूह 2) शामिल हैं।

P-ब्लॉक तत्व (समूह 13-18)

वे तत्व जिनमें अंतिम इलेक्ट्रॉन p-कक्षक में प्रवेश करता है। धातु, उपधातु और अधातु शामिल हैं।

D-ब्लॉक तत्व (संक्रमण धातु, समूह 3-12)

वे तत्व जिनमें अंतिम इलेक्ट्रॉन अंतिम से पहले कोश के d-कक्षक में प्रवेश करता है।

F-ब्लॉक तत्व (आंतरिक संक्रमण धातु)

वे तत्व जिनमें अंतिम इलेक्ट्रॉन अंतिम से दो कोश पहले के f-कक्षक में प्रवेश करता है।

संपूर्ण अर्धचालक उद्योग समूह 14 तत्वों (C, Si, Ge) के आवर्ती गुणों की हमारी समझ पर आधारित है!

विसंगतियाँ और विशेष मामले

हाइड्रोजन की स्थिति

हाइड्रोजन क्षार धातुओं (H+ बनाने के लिए इलेक्ट्रॉन त्यागता है) और हैलोजन (H- बनाने के लिए इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है) दोनों के गुण दिखाता है, जिससे इसकी स्थिति अस्पष्ट हो जाती है।

द्वितीय आवर्त के तत्वों के विषम गुण

द्वितीय आवर्त के तत्व (Li से F) अपने समजातों की तुलना में भिन्न व्यवहार दिखाते हैं क्योंकि:

उदाहरण:
  • नाइट्रोजन N≡N (प्रबल त्रिबंध) बनाता है जबकि फॉस्फोरस P-P एकल बंध बनाता है
  • ऑक्सीजन O=O द्विबंध बनाता है जबकि सल्फर S-S एकल बंध बनाता है
  • कार्बन सिलिकॉन की तुलना में बहुत अधिक सीमा तक शृंखलन (C-C शृंखलाएँ) दिखाता है

लैंथेनाइड संकुचन

4f इलेक्ट्रॉनों द्वारा खराब परिरक्षण के कारण लैंथेनाइड (La से Lu) की परमाणु और आयनिक त्रिज्या में स्थिर कमी के कारण:

आवर्ती गुणों के अनुप्रयोग

जैविक प्रणालियों में

उद्योग और प्रौद्योगिकी में

एनसीईआरटी महत्वपूर्ण प्रश्न और स्मृति सहायक

समूह 1 (क्षार धातु) के लिए स्मृति सहायक:

"लीना की रूबी से फ्रेंडशिप"
Li (लिथियम), Na (सोडियम), K (पोटैशियम), Rb (रुबिडियम), Cs (सीज़ियम), Fr (फ्रेंसियम)

समूह 17 (हैलोजन) के लिए स्मृति सहायक:

"फिर कॉल कर बाहर आई आंटी"
F (फ्लोरीन), Cl (क्लोरीन), Br (ब्रोमीन), I (आयोडीन), At (एस्टाटीन)

महत्वपूर्ण एनसीईआरटी प्रश्न

प्रश्न 1. समूह में नीचे जाने पर आयनन एन्थैल्पी क्यों घटती है?

उत्तर: बढ़ते परमाणु आकार और परिरक्षण प्रभाव के कारण जो बढ़े हुए नाभिकीय आवेश से अधिक हो जाता है, जिससे इलेक्ट्रॉन निष्कासन आसान हो जाता है।

प्रश्न 2. किस तत्व की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी सर्वाधिक है?

उत्तर: क्लोरीन (फ्लोरीन नहीं) क्योंकि फ्लोरीन के छोटे आकार के कारण इलेक्ट्रॉन-इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षण होता है जो मुक्त ऊर्जा को कम कर देता है।

प्रश्न 3. लैंथेनाइड संकुचन क्या है? इसके परिणाम क्या हैं?

उत्तर: 4f इलेक्ट्रॉनों द्वारा खराब परिरक्षण के कारण लैंथेनाइड की परमाणु/आयनिक त्रिज्या में क्रमिक कमी। परिणाम:

  • लैंथेनाइड के बाद के तत्वों के आकार समान हो जाते हैं (Zr/Hf, Nb/Ta, आदि)
  • लैंथेनाइड के पृथक्करण में कठिनाई
  • 5d श्रेणी के तत्वों का घनत्व बढ़ जाता है

इंटरएक्टिव आवर्त सारणी

1
H
हाइड्रोजन
2
He
हीलियम
3
Li
4
Be
5
B
6
C
7
N
8
O
9
F
10
Ne
11
Na
12
Mg
13
Al
14
Si
15
P
16
S
17
Cl
18
Ar
तत्वों पर होवर करने से उनके नाम दिखाई देंगे। रंग विभिन्न ब्लॉकों को दर्शाते हैं: s-ब्लॉक, p-ब्लॉक, d-ब्लॉक, f-ब्लॉक, उत्कृष्ट गैसें

परमाणु संख्या >100 वाले तत्वों का नामकरण

परमाणु संख्या >100 वाले तत्वों के लिए, अंकों को मूल शब्दों में लिखकर उसके बाद 'ium' जोड़ा जाता है।

अंक मूल उदाहरण (Z=104)
0 nil (n) Unnilquadium (Unq)
1 un (u) रदरफोर्डियम (Rf)
2 bi (b) डब्नियम (Db)
3 tri (t) सीबोर्गियम (Sg)
4 quad (q) बोहरियम (Bh)
5 pent (p) हैसियम (Hs)
6 hex (h) माइट्नेरियम (Mt)
7 sep (s) डार्मस्टाटियम (Ds)
8 oct (o) रॉन्टजेनियम (Rg)
9 enn (e) कोपरनिसियम (Cn)
खोज के बाद, तत्वों को वैज्ञानिकों, स्थानों या गुणों के सम्मान में स्थायी नाम दिए जाते हैं (जैसे, फ्लेरोवियम, लिवरमोरियम)।