बल वह धक्का या खिंचाव है जो किसी वस्तु की अवस्था को बदलने का प्रयास करता है या बदल देता है।
जब किसी वस्तु पर लगने वाले दो या अधिक बल परिमाण में बराबर किंतु दिशा में विपरीत होते हैं, तो उन्हें संतुलित बल कहते हैं।
\[ \text{50N} \leftarrow \text{रस्सी} \rightarrow \text{50N} \]
रस्सी नहीं हिलती
जब बल बराबर नहीं होते। यह हमेशा गति उत्पन्न करता है।
\[ \text{70 N} \rightarrow 🚗 \leftarrow \text{60 N} \]
कार अधिक बल की दिशा में चलती है
कोई वस्तु तब तक अपनी विराम अवस्था या सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में रहती है जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाए।
यदि Fnet = 0, तो v = स्थिर
प्रत्येक वस्तु का अपनी गति की अवस्था को बदलने का विरोध करने का गुण जड़त्व कहलाता है।
वस्तु का संवेग = द्रव्यमान × वेग
या, \( p = m \times v \)
जहाँ, \( p \) = संवेग, \( m \) = वस्तु का द्रव्यमान और \( v \) = वस्तु का वेग
यदि हम एक हल्की और एक भारी वस्तु को एक मीनार से एक साथ गिराएँ, तो दोनों का तल पर वेग समान होगा, लेकिन भारी वस्तु का संवेग अधिक होगा।
किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगने वाले असंतुलित बल के अनुक्रमानुपाती होती है।
\[ F \propto \frac{\Delta p}{\Delta t} \]
\[ F = k \times \frac{m(v - u)}{t} \] (जहाँ k = 1)
\[ F = m \times a \]
जब 1 kg द्रव्यमान की वस्तु में 1 m/s² का त्वरण उत्पन्न होता है, तो वस्तु पर लगा बल 1 न्यूटन कहलाता है।
प्रत्येक क्रिया की समान एवं विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
\[ F_{AB} = -F_{BA} \]
जब दो या अधिक वस्तुएँ एक-दूसरे पर बल लगाती हैं तो बाह्य बल की अनुपस्थिति में उनका कुल संवेग स्थिर रहता है।
प्रारंभिक संवेग = अंतिम संवेग
\[ m_1u_1 + m_2u_2 = m_1v_1 + m_2v_2 \]
20 g द्रव्यमान की एक गोली को 150 m/s के वेग से 2 kg द्रव्यमान की पिस्तौल से क्षैतिज दिशा में दागा जाता है। पिस्तौल का प्रतिक्षेप वेग ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है:
संवेग संरक्षण के नियम से:
\[ 0 = m_1v_1 + m_2v_2 \]
\[ 0 = 0.02 \times 150 + 2 \times v_2 \]
\[ 3 + 2v_2 = 0 \]
\[ v_2 = -1.5 \, \text{m/s} \]
ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि पिस्तौल गोली की विपरीत दिशा में हटती है।